अर्जुन अवार्डी अंतर्राष्ट्रीय तैराक खजान सिंह टोकस का जन्म 6 मई 1964 को दक्षिणी दिल्ली के गांव मुनिरका जो टोकस जट्टो का गढ़ है में हुआ था। पिता जी स्व.श्री महिपत सिंह माता स्व. श्रीमती विशालो देवी की कोख से जन्मा भारत का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय तैराक ।जिनको गुरु चौधरी मयचन्द ने निखारा,बाद में एक जर्मन व ऑस्ट्रेलियन कोच के पसंदीदा बने ।
1981 के नेशनल खेलो में 5 पदक तैराकी में अकेले जीतकर तहलका
मचा दिया राष्ट्रीय स्तर पर फिर पीछे मुड़कर नही देखा ,
1982 में 5 स्वर्ण 2 रजत ,1 कांस्य पदक जीता ,
1982 में ही ब्रिसवेंन कॉमनवेल्थ में उम्दा प्रदर्शन किया , दिल्ली एशियाड में रजत पदक जीता ।
1984 में मास्को में हुई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दुनिया भर के तैराकों में भारतीय तैराक की पहचान बनाई ।
1984 में ही अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हुए ।भारत के प्रथम अर्जुन अवार्डी तैराक बनने का गौरव टोकस साहब को ही है ।
1987 में 100 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में 55.21 सेकेंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाया ।
1988 के नेशनल खेलो में 8 पदक जीते ।
1988 में ही वर्ल्ड पुलिस खेलो में 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक जीता ।
1988 सियोल ओलिम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व किया एक अतुलनीय प्रदर्शन किया ।
मचा दिया राष्ट्रीय स्तर पर फिर पीछे मुड़कर नही देखा ,
1982 में 5 स्वर्ण 2 रजत ,1 कांस्य पदक जीता ,
1982 में ही ब्रिसवेंन कॉमनवेल्थ में उम्दा प्रदर्शन किया , दिल्ली एशियाड में रजत पदक जीता ।
1984 में मास्को में हुई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दुनिया भर के तैराकों में भारतीय तैराक की पहचान बनाई ।
1984 में ही अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हुए ।भारत के प्रथम अर्जुन अवार्डी तैराक बनने का गौरव टोकस साहब को ही है ।
1987 में 100 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में 55.21 सेकेंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाया ।
1988 के नेशनल खेलो में 8 पदक जीते ।
1988 में ही वर्ल्ड पुलिस खेलो में 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक जीता ।
1988 सियोल ओलिम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व किया एक अतुलनीय प्रदर्शन किया ।
1992 में अंर्तराष्ट्रीय प्रसिद्ध निशानेबाज चारुलता से शादी की ।
वर्तमान में खजान सिंह टोकस साहब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में डीआईजी के पद पर कार्यरत है।
ओर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के खेल विभाग को एक मजबूत स्तम्भ बनाया ।ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जो उम्दा प्रदर्शन करती है। इसका सीधा श्रेय खजान सिंह टोकस साहब को जाता है। उनका अनुशासन व खिलाड़ियों को दी जाने वाली साधन संसाधनयुक्त सुविधाएं उनकी उपलब्धि को बयां करते है ।
हम टोकस साहब के खुशहाल जीवन की कामना करते है ।हमे गर्व है कि टोकस साहब ने जाट नस्ल को गौरवान्वित किया है ।
जय जाट ब्लड
जय जाट पुरख
दिनेश बैनीवाल(जाटिज्म वाला जट्टा)
वर्तमान में खजान सिंह टोकस साहब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में डीआईजी के पद पर कार्यरत है।
ओर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के खेल विभाग को एक मजबूत स्तम्भ बनाया ।ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जो उम्दा प्रदर्शन करती है। इसका सीधा श्रेय खजान सिंह टोकस साहब को जाता है। उनका अनुशासन व खिलाड़ियों को दी जाने वाली साधन संसाधनयुक्त सुविधाएं उनकी उपलब्धि को बयां करते है ।
हम टोकस साहब के खुशहाल जीवन की कामना करते है ।हमे गर्व है कि टोकस साहब ने जाट नस्ल को गौरवान्वित किया है ।
जय जाट ब्लड
जय जाट पुरख
दिनेश बैनीवाल(जाटिज्म वाला जट्टा)
No comments:
Post a Comment