Saturday, April 20, 2019

जाट कौम का इतिहास,JAT KAUM KA ITIHAAS, HISTORY OF JAT'S

अगर जाट हो तो पूरा पढ़ना

गर्व से कहो हम जाट हैं, मगर क्यों ?

स्वयं को महान् कहने से कोई महान् नहीं बनता । महान् किसी भी व्यक्ति व कौम को उसके महान् कारनामे बनाते हैं और उन कारनामों को दूसरे लोगों को देर-सवेर स्वीकार करना ही पड़ता है। देव-संहिता को लिखने वाला कोई जाट नहीं था, बल्कि एक ब्राह्मणवादी था जिसके हृदय में इन्सानियत थी उसने इस सच्चाई को अपने हृदय की गहराई से शंकर और पार्वती के संवाद के रूप में बयान किया कि जब पार्वती ने शंकर जी से पूछा कि ये जाट कौन हैं, तो शंकर जी ने इसका उत्तर इस प्रकार दिया -

डाबड़ा कांड के शहीद

#अमर_शहीदों_को_नमन्                                           13मार्च 1947का दिन था।जगह थी नागौर जिले की डीडवाना तहसील में गांव डाबड़ा!एक कि...