Saturday, February 15, 2020

फौजी पिता के ट्रस्ट को बेटा चला रहा, 364 बेटियां शिक्षा से दोबारा जुड़ीं; डाॅक्टर और कांस्टेबल बनीं




राजस्थान / फौजी पिता के ट्रस्ट को बेटा चला रहा, 364 बेटियां शिक्षा से दोबारा जुड़ीं; डाॅक्टर और कांस्टेबल बनीं

  • सेना से रिटायर दिवंगत मांगूराम जाखड़ ने ट्रस्ट शुरू किया था, सबसे पहले 11 बेटियों को गोद लिया गया था 
  • मांगूराम के बेटे माेहनराम ने पिता की इच्छा को जारी रखा, आज 364 बेटियां इससे जुड़ी हैं

Feb 10, 2020, 
सीकर (जोगेंद्रसिंह गौड़). देश सेवा किसी भी रूप में कहीं भी की जा सकती है। सेना से रिटायरदिवंगत मांगूराम जाखड़ और उनके बेटे माेहनराम की कहानी इसे साबित कर रही है। तंग हालातों के बीच पढ़ाई छोड़ने वाली बेटियों को वापस शिक्षा से जोड़ने के लिए मांगूराम जाखड़ और माेहनराम ने पेंशन और सैलेरी के पैसों से ट्रस्ट शुरू किया। पिता की मौत के बाद खेती से जुड़े बेटे मोहनराम ने इस सेवा कार्य को बंद नहीं होने दिया। नतीजा ट्रस्ट द्वारा गोद ली गई 364 बेटियां आज उच्च शिक्षा से जुड़ चुकी हैं। 10 बेटियां डाॅक्टर और कांस्टेबल सहित अन्य सरकारी नौकरी तक पहुंच चुकी हैं। स्कूल की पढ़ी लड़कियों और पढ़ा रहीं टीचर्स की शादी में भी स्कूल प्रबंधन करता है आिर्थक मदद, जरूरी सामान भी देता है

Wednesday, February 12, 2020

39 की उम्र में 20 प्रतियोगी परीक्षाएं पास,15 में अंतिम चयन यह हैं बजरंग कुलहरि

आज का युवा क्या क्या प्रतियोगिता परीक्षा दे और किस लगन से दे उसका जीवन्त और अत्यंत ज्वलंत उदाहरण श्री बजरंग लालजी कुल्हरी, नायब तहसीलदार बिसाऊ (झुन्झुनूं) हैं मैं उन्हें 100-100 सलाम करता हूँ और मेरे तो वे "घर धिराणी" के ननिहाल पक्ष के भी हैं मगर युवाओं के लिए कितने प्रेरणास्रोत हैं ये उनके मात्र 39 साल की उम्र और 21 साल में 20 नौकरी की परीक्षाओं में पास होने का शायद अकेला उदाहरण है सीकर की फतेहपुर तहसील के ऊदनसरी गाँव निवासी कुल्हरीजी वास्तव में सीकर की युवा जिजीविषा और दैनन्दिनी चुनौतियों के मुकाबले के सर्वश्रेष्ठ नायक हैं जिन्हें विदेशी भाषा में उनका "रोल माडल" कहा जा सकता है ।

डाबड़ा कांड के शहीद

#अमर_शहीदों_को_नमन्                                           13मार्च 1947का दिन था।जगह थी नागौर जिले की डीडवाना तहसील में गांव डाबड़ा!एक कि...