हिंदी फिल्म ‘जोधा-अकबर’ और ‘पद्मावत’ के बाद राजस्थान में ‘पानीपत’ का भी जमकर विरोध  हुआ. इस विरोध का कारण था इसमें भरतपुर रियासत की स्थापना करने वाले महाराज सूरजमल का विवादित चित्रण. पानीपत में दिखाया गया कि राजा सूरजमल ने अपने लालच की वजह से अहमद शाह अब्दाली के ख़िलाफ़ लड़ने आए मराठा सरदार सदाशिवराव भाऊ का साथ ऐन मौके पर छोड़ दिया था. इसके चलते मराठाओं को इस युद्ध में भारी जान-माल के नुकसान के साथ शिकस्त का भी सामना करना पड़ा था. माना जाता है कि यदि पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठे, अफ़गान आक्रमणकारी अब्दाली से नहीं हारते तो शायद हिंदुस्तान को अगले करीब 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी नहीं झेलनी पड़ती.