आजाद हिन्द फौज के एक अमर शहीद फौजी की
सबसे सुंदर रागनी(हरियाणवी कविता)
सबसे सुंदर रागनी(हरियाणवी कविता)
बज्र जैसा हृदय करकै पकड़ कालजा थाम लिए
रणभूमि म्हं जां सूं गोरी मेरी राम राम लिए।
रणभूमि म्हं जां सूं गोरी मेरी राम राम लिए।
देश प्रेम की आग बुरी मनैं पड़ै जरूरी जाणा
घर बैठे ना काम चलै मनैं जाकै देश बचाणा
तेरी नणद का भाई चाल्या पहर केसरी बाणा
मरणा जीणा देश की खातर यो मनैं फर्ज निभाणा
रखणी होगी लाज वतन की प्यारी रट घनश्याम लिए।
बज्र जैसा हृदय करकै पकड़ कालजा थाम लिए
रणभूमि म्हं जां सूं गोरी मेरी राम राम लिए।
घर बैठे ना काम चलै मनैं जाकै देश बचाणा
तेरी नणद का भाई चाल्या पहर केसरी बाणा
मरणा जीणा देश की खातर यो मनैं फर्ज निभाणा
रखणी होगी लाज वतन की प्यारी रट घनश्याम लिए।
बज्र जैसा हृदय करकै पकड़ कालजा थाम लिए
रणभूमि म्हं जां सूं गोरी मेरी राम राम लिए।