Thursday, September 20, 2018

"तेजाजी-पेमल : नागवंशों की परस्पर शत्रुता की पृष्ठभूमि में विवाहित युगल की लोकगाथा"

"तेजाजी-पेमल : नागवंशों की परस्पर शत्रुता की पृष्ठभूमि में विवाहित युगल की लोकगाथा"
(भाद्रपद शुक्ल पक्ष दशमी, तेजाजी देहावसान दिवस)
कहानी हजार साल पुरानी है. 
ब राजस्थान के वर्तमान नागौर क्षेत्र के नागाणा प्रदेश के खरनाल गण के जाट शासक बोहित राज धोलिया थे।
उनके पुत्र ताहड़ देव थे.
उनकी पत्नी थीं,
अजमेर के किशनगढ़ के पास त्योद गाँव के गणपति दुलन सोढी की कन्या-
राम कुँवरी.
बचपन में घर पर उन्हें सब सुगणा कहते.
विवाह के 12 वर्ष तक राम कुँवरी के कोई संतान नहीं हुई।
अतः अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए ताहड़ जी के नहीं चाहते हुये भी राम कुँवरी ने अपने पति का दूसरा विवाह कर दिया।
यह दूसरा विवाह रामी देवी के साथ सम्पन्न करवा दिया।
द्वितीय पत्नी रामी के गर्भ से ताहड़ जी के रूपजीत (रूपजी) , रणजीत (रणजी), महेशजी, नगजीत ( नगजी) पाँच पुत्र उत्पन्न हुये।
राम कुँवरी को 12 वर्ष तक कोई संतान नहीं होने से अपने पीहर पक्ष के गुरु मंगलनाथ जी के निर्देशन में उन्होने नागदेव की पूजा-उपासना आरंभ की। 

Monday, September 17, 2018

मृत्युभोज एक सामाजिक बुराई

*लेख बड़ा है पर एक बार जरूर पढ़ें*mrityubhoj के लिए इमेज परिणाम
 यह लेख लिखते हुए शर्म महसूस हो रही है। कई बार ऐसा लगता है, अज्ञानता वरदान है। इग्रोरेन्स इज ब्लिस। लेकिन जाने अनजाने में कई चीज़ें ज्ञान के प्रकाश में आ जाती हैं और पीड़ा देती हैं । ऐसी ही एक पीड़ा देने वाली कुरीति है -मृत्युभोज। मानव विकास के रास्ते में यह गंदगी कैसे पनप गयी, समझ से परे है।

Wednesday, September 12, 2018

स्वामी केशवानंद :-एक निराला शिक्षा संत

*स्वामी केशवानन्द : एक निराला शिक्षा-संत*

*प्रो. H R ISHRAN की कलम✍✍*
***********************************स्वामी केशवानंद के लिए इमेज परिणाम*
फ़र्श से अर्श तक पहुंचने वालों के कई किस्से सुने हैं। पर यह किस्सा एक ऐसी शख्सियत का है, जिसे पैर टिकाने के लिए अपना कोई टिकाऊ फ़र्श नसीब नहीं हुआ। आज यहां तो कल वहां। यह किस्सा एक ऐसे यायावर का है जिसने कष्टों के कांटों से जूझते हुए एक विशाल इलाके को शिक्षा से रोशन कर नव-जागरण की ज्वाला प्रज्ज्वलित की और अपने कर्मनिष्ठ जीवन से लोकप्रियता के आकाश पर धूमकेतु की तरह छाया रहा। यह किस्सा बेहद रोमांचक है। ट्विस्ट इसमें कई हैं।

Sunday, September 9, 2018

नशा नाश का द्वार:-वीरमाराम जाणी वरिष्ठ पत्रकार

*दहशत की जद में मालानी.* *::::::गौर कीजिए*

*वीरमाराम जाणी वरिष्ठ पत्रकार की कलम✍✍*

अब भी नहीं चेते, तो बहुत देर हो जाएगी.
क्योंकि अगला नम्बर आप/हम में से किसी का भी हो सकता है.

कभी बेहद शांत माने जाने वाले बाड़मेर जिले के मालाणी इलाके में एक बार फिर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई गई, वो भी पुलिस की नाक के ठीक नीचे. गुड़ामालानी क्षेत्र में एक ही दिन में तीन-तीन मर्तबा फायरिंग की वारदातों ने स्पष्ट सन्देश दे दिया है कि इलाके की शांति को ग्रहण लग चुका है. आम जनता ख़ौफ़ज़दा है और पुलिस हमेशा की तरह लाचार. साफ है, अब कानून के राज की जगह गैंगस्टर राज ले चुका है. इस 'गैंगस्टर राज' के सबसे प्रमुख किरदार हैं शराब, डोडा-अफीम, स्मैक के तस्कर और इसके नशेड़ी.

जाटों की पहचान,चरित्र, स्वभाव और विशेषताएं

जाटों की पहचान, चरित्र, स्वभाव और विशेषताए

जाट जाति का प्रत्येक युवक अपने लम्बे डील डौल, सुन्दर गोरे या गेहुएं चेहरे, घने काले बालों, लम्बी गर्दन, लम्बी सुथरी नाक, काली बड़ी-बड़ी आंखों, चौड़ा माथा, चौड़ी छाती, लम्बी भुजाओं, पतली कमर और रौबीली चाल से भली-भांति पहचाना जा सकता है। जाट का शरीर गठीला, और फुर्तीला होता है। जाटों का स्वभाव बड़ा सरल और दयालु है। किन्तु अन्याय होने पर मनमानी करने में वे अपने प्राणों को भी संकट में डाल देते हैं।

Tuesday, September 4, 2018

कुछ भटकते-खटकते ख़याल संदर्भ: शिक्षक दिवस ......

कुछ भटकते-खटकते ख़याल
संदर्भ: शिक्षक दिवस
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जीवन को गढ़ने-संवारने में माता -पिता के बाद सबसे ज़्यादा प्रभावी भूमिका निभाने वाले उन सभी गुरुजनों को नमन, जिन्होंने अपने आदर्श और कर्तव्यनिष्ठ जीवन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है।
शिक्षक दिवस पर विशेष स्मरण शिक्षा-संत शिरोमणि महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी अर्धांगिनीशिक्षक दिवस के लिए इमेज परिणाम सावित्रीबाई फुले का जिन्होंने सामंतवादी और रूढ़िवादी भारत में वंचित वर्ग की संतति को शिक्षित करने का सपना देखा और उसे साकार करने व उनकी शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने हेतु स्कूल खोलने का क्रांतिकारी कदम उठाया। फुले दंपति की स्मृति को शत- शत नमन।

डाबड़ा कांड के शहीद

#अमर_शहीदों_को_नमन्                                           13मार्च 1947का दिन था।जगह थी नागौर जिले की डीडवाना तहसील में गांव डाबड़ा!एक कि...