*हम क्यों करते हैं मृत्यु भोज❓❓*
*✍*रामलाल जाणी भीमथल*
*8003041770*
*इस गंभीर लेख को पूरा पढ़ें..*
*✍✍अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृत्यु भोज मृत आत्मा की तृप्ति के लिए, उन्हें स्वर्ग का टिकट दिलाने, मृत आत्मा की शांति के लिए किया जाता है,जो मृत्यु भोज में पुण्य मिलता वह मृत आत्मा को आगे प्राप्त होता है, उसमें उसकी आत्मा की मुक्ति होती है उस को शांति मिलती है या उस व्यक्ति ने आपके लिए इतने वर्ष काम किया था तो आप उसके मौत पर कम से कम इतना खर्चा तो कर सकते हैं ।।*
*इसमें से किसी तर्क में सच्चाई नहीं है.... यह सब झूठ है ।।*
*✍✍हकीकत यह है कि आजकल मृत्यु भोज सिर्फ इसलिए किया जाता है कि हम किसी और के यहाँ भोज खाकर आते हैं और खाने के लिए भी सपरिवार जाते हैं यह दुखद और कड़वा सच लेकिन हम इससे मुंह मोड़ लेते हैं , क्योंकि हम कहीं खाकर आए हैं तो वापिस उन्हें खिलाना हमारी मजबूरी या हम लोगों को यह दिखाने के लिए मृत्युभोज करते हैं कि हमने हमारे पूर्वज के मृत्युभोज में इतना खर्च किया है यह सब दिखावटी और झूठी शान शौकत के लिए किया जाता है।।*
*✍✍असल में मृत्युभोज करने का उद्देश्य झूठी शान और दिखावा है।।*
*✍पहले समाज का दबाव होता था कि आपको यह मृत्यु खोज करना पड़ेगा लेकिन अब इस बात का दबाव है कि आप दूसरों के यहां मृत्यु भोज खाकर आए हैं इसीलिए आपको मृत्यु भोज करना पड़ेगा मृत्युभोज करना पड़ेगा ..*
*✍✍मृत्युभोज के पैसों को निम्न कामों में लगाए..*
*मृत्यु भोज और नशे में इतना पैसा बर्बाद करते हैं उसी पैसे को सकारात्मक कार्य में लगाएं....*
*1 गांव में पौधारोपण करें तो पूरे गांव में हरियाली होगी सबके लिए ऑक्सीजन होगी बारिश अच्छी होगी तो फसल अच्छी होगी फसल अच्छी होगी तो अच्छा अनाज होगा सुख सम्रद्धि आएगी।।*
*2 उन पैसों के कुछ हिस्से से पक्षियों के लिए चुग्गा इकट्ठा करें चुग्गा का डालने के लिए चबूतरा बना सकते हैं ताकि पक्षियों को एक उचित स्थान पर चुग्गा मिल सके।*
*3 उसी राशि के कुछ हिस्से को आप गौशाला में दान करके गौ सेवा का पुण्य प्राप्त कर सकते है।।*
*4आप कुल खर्च के कुछ हिस्से को गांव के गरीब विद्यार्थियों की पढाई के लिए दे सकतें हैं जिनका परिवार विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है अगर उनकी हम थोड़ी भी मदद करेंगे तो उनकी पढ़ाई जारी रह सकेगी और अगर हमारी वजह से कोई गरीब विद्यार्थी पढ़ लिखकर नौकरी लायक बनता है तो वह हमको कितनी दुआएं देगा उसका परिवार हमें कितनी दुआएं देता उसे कितनी खुशियां मिलेगी यही उस आत्मा के लिए सच्चा तर्पण होगा उस गरीब बच्चे के पढ़ने से दो परिवार खुशियों से लहरा उठेंगे..*
*5 आप कुल खर्च के एक हिस्से को किसी गरीब अनाथ ही बेटी की शादी में दे दीजिए ताकि गरीब बाप को सिर पर कर्ज न उठाना पड़े और सब के सहयोग से उसकी बेटी की शादी आराम से संपन्न हो जाए ।*
*6 उस पैसे से हम गांव में सभा भवन बना सकते हैं विद्यालय का कोई कक्षा कक्ष बना सकते हैं उसपर अपना नाम भी लिख सकते हैं कि फलां की याद में अपना की स्मृति में यह कक्षा-कक्ष सप्रेम भेंट किया गया जरा कल्पना कीजिए कि उस बिल्डिंग की कितनी उम्र होगी कितनी पीढ़ियां उस बिल्डिंग में पड़कर शिक्षित होकर आपको दुआएं देगी।।*
*अब निर्णय आपको करना है कि क्या आप 1 दिन के लिए लोगों को खाना खिलाना महत्वपूर्ण समझते हैं या ऊपर बताएं कार्य निर्णय आपको करना है...*
*🙏🙏🙏🙏🙏यह मैसेज दूसरों तक जरूर पहुँचाएँ...*
*एक शर्त लेखक का नाम न हटाएं..*
*प्रतिक्रियाएं सादर आमन्त्रित है..*
*✍*रामलाल जाणी भीमथल*
*8003041770*
*इस गंभीर लेख को पूरा पढ़ें..*
*✍✍अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृत्यु भोज मृत आत्मा की तृप्ति के लिए, उन्हें स्वर्ग का टिकट दिलाने, मृत आत्मा की शांति के लिए किया जाता है,जो मृत्यु भोज में पुण्य मिलता वह मृत आत्मा को आगे प्राप्त होता है, उसमें उसकी आत्मा की मुक्ति होती है उस को शांति मिलती है या उस व्यक्ति ने आपके लिए इतने वर्ष काम किया था तो आप उसके मौत पर कम से कम इतना खर्चा तो कर सकते हैं ।।*
*इसमें से किसी तर्क में सच्चाई नहीं है.... यह सब झूठ है ।।*
*✍✍हकीकत यह है कि आजकल मृत्यु भोज सिर्फ इसलिए किया जाता है कि हम किसी और के यहाँ भोज खाकर आते हैं और खाने के लिए भी सपरिवार जाते हैं यह दुखद और कड़वा सच लेकिन हम इससे मुंह मोड़ लेते हैं , क्योंकि हम कहीं खाकर आए हैं तो वापिस उन्हें खिलाना हमारी मजबूरी या हम लोगों को यह दिखाने के लिए मृत्युभोज करते हैं कि हमने हमारे पूर्वज के मृत्युभोज में इतना खर्च किया है यह सब दिखावटी और झूठी शान शौकत के लिए किया जाता है।।*
*✍✍असल में मृत्युभोज करने का उद्देश्य झूठी शान और दिखावा है।।*
*✍पहले समाज का दबाव होता था कि आपको यह मृत्यु खोज करना पड़ेगा लेकिन अब इस बात का दबाव है कि आप दूसरों के यहां मृत्यु भोज खाकर आए हैं इसीलिए आपको मृत्यु भोज करना पड़ेगा मृत्युभोज करना पड़ेगा ..*
*✍✍मृत्युभोज के पैसों को निम्न कामों में लगाए..*
*मृत्यु भोज और नशे में इतना पैसा बर्बाद करते हैं उसी पैसे को सकारात्मक कार्य में लगाएं....*
*1 गांव में पौधारोपण करें तो पूरे गांव में हरियाली होगी सबके लिए ऑक्सीजन होगी बारिश अच्छी होगी तो फसल अच्छी होगी फसल अच्छी होगी तो अच्छा अनाज होगा सुख सम्रद्धि आएगी।।*
*2 उन पैसों के कुछ हिस्से से पक्षियों के लिए चुग्गा इकट्ठा करें चुग्गा का डालने के लिए चबूतरा बना सकते हैं ताकि पक्षियों को एक उचित स्थान पर चुग्गा मिल सके।*
*3 उसी राशि के कुछ हिस्से को आप गौशाला में दान करके गौ सेवा का पुण्य प्राप्त कर सकते है।।*
*4आप कुल खर्च के कुछ हिस्से को गांव के गरीब विद्यार्थियों की पढाई के लिए दे सकतें हैं जिनका परिवार विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है अगर उनकी हम थोड़ी भी मदद करेंगे तो उनकी पढ़ाई जारी रह सकेगी और अगर हमारी वजह से कोई गरीब विद्यार्थी पढ़ लिखकर नौकरी लायक बनता है तो वह हमको कितनी दुआएं देगा उसका परिवार हमें कितनी दुआएं देता उसे कितनी खुशियां मिलेगी यही उस आत्मा के लिए सच्चा तर्पण होगा उस गरीब बच्चे के पढ़ने से दो परिवार खुशियों से लहरा उठेंगे..*
*5 आप कुल खर्च के एक हिस्से को किसी गरीब अनाथ ही बेटी की शादी में दे दीजिए ताकि गरीब बाप को सिर पर कर्ज न उठाना पड़े और सब के सहयोग से उसकी बेटी की शादी आराम से संपन्न हो जाए ।*
*6 उस पैसे से हम गांव में सभा भवन बना सकते हैं विद्यालय का कोई कक्षा कक्ष बना सकते हैं उसपर अपना नाम भी लिख सकते हैं कि फलां की याद में अपना की स्मृति में यह कक्षा-कक्ष सप्रेम भेंट किया गया जरा कल्पना कीजिए कि उस बिल्डिंग की कितनी उम्र होगी कितनी पीढ़ियां उस बिल्डिंग में पड़कर शिक्षित होकर आपको दुआएं देगी।।*
*अब निर्णय आपको करना है कि क्या आप 1 दिन के लिए लोगों को खाना खिलाना महत्वपूर्ण समझते हैं या ऊपर बताएं कार्य निर्णय आपको करना है...*
*🙏🙏🙏🙏🙏यह मैसेज दूसरों तक जरूर पहुँचाएँ...*
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