जो लोग गांव-गांव तेजाजी के मंदिर बनाकर ब्राह्मणों को रोजगार दे रहे है वो लोग तेजाजी जैसे महापुरुषों के विचारों के हत्यारे है।ब्राह्मणवाद के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाकर तुम भी तो वो ही काम कर रहे हो
तेजाजी महापुरुष थे ,है व रहेंगे लेकिन ब्राह्मणवाद की आग में जलकर तुमने जिस दिन तेजाजी महाराज को काल्पनिक देवता घोषित किया उसी दिन तेजाजी के विचार मरने शुरू हो गए!
अगर अपने महापुरुष को सम्मान देना चाहते हो तो उनके जीवन को आदर्श मानो।उनके विचारों को आत्मसात करो।अगर वीर तेजाजी के प्रति दिलों में सम्मान है तो चौक चौराहों पर घोड़ी स्थापित करो ताकि आने जाने वाले लोग देखकर प्रेरित हो।न पूजा का झंझट न मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का!तुम्हारे खून में ब्राह्मणवाद की गुलामी समाई हुई है।तुम इतनी आसानी से पीछा न छुड़ा पाओगे!गृह प्रवेश से लेकर अपने पुरखों की अस्थियों का बोझ तुम कंधों पर उठाकर घूमने वाले गुलाम लोग हो!तुम्हारे दिमाग मे मुक्ति का दरवाजा ढूंढने की समझ नहीं है इसलिए तेजाजी महाराज की मूर्तियां बनाकर तुम उनके अंदर प्राण फूंकने में लगे हुए हो चाहे आधी कौम के प्राण भुखमरी,गरीबी, अशिक्षा की दहलीज पर पहुंचते-पहुंचते फूल रहे हो!
तुम शाम को हनुमानजी की जागरण में झूमकर सुबह तेजाजी महाराज जैसे आदर्श पुरुष के नारे लगाने लग जाते हो!तुम्हे पता ही नहीं है कि तेजाजी महाराज सत्य के रास्ते पर चलने वाले महापुरुष थे।काल्पनिक पात्रों की गुलामी में भटकने वाले लोगों को सत्यवादी तेजाजी महाराज के जयकारे लगाने से परहेज करना चाहिए।
तेजाजी महाराज के जीवन मे चमत्कार नहीं वास्तविकता थी लेकिन पीछे नामर्दों की फौज खड़ी हो गई इसलिए ब्राह्मणवादी चमत्कारों में लपेटकर उनके आदर्श जीवन को कलंकित कर रही है।
तेजाजी के नाम पर बने मंदिर किसान कौमों की कर्मशीलता पर एक कलंक है।हल के आविष्कारक के जीवन को पाखंड की धारा में धकेलने वाले लोग कभी भी बेहतर भविष्य की नींव नहीं रख सकते👌
जातीय भेदभाव को नकारने वाले व धार्मिक विद्वेष को दरकिनार करने वाले महापुरुष के समाज के लोग उनके नाम से शिक्षण संस्थान बनाने के बजाय पाखंड के अड्डे स्थापित कर रहे है!समाज के विद्वान लोग तेजाजी महाराज को काल्पनिक देवता घोषित करने में लगे है तो उद्योगपत्ति मंदिर बनाकर अंडे चढ़ाने की बोली लगा रहे है!
हम कर्मशील समाज के लोग कर्म के फल को कर्महीनों के हवाले करते जा रहे है।हम किधर जा रहे है?थोड़ा बैठकर सोचिए!
PREMARAM SIYAG
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